लोकसभा चुनाव परिणाम 2019: जानिए जनादेश के 7 संकेत, वोटर से बड़ा कोई नहीं
लोकसभा चुनाव 2019 का जनादेश आ चुका है और एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी केंद्र में सरकार बनाने जा रही है.
लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों से पता चलता है कि वोटर अधिक जागरुक हुआ है (फोटो- PTI)
लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों से पता चलता है कि वोटर अधिक जागरुक हुआ है (फोटो- PTI)
लोकसभा चुनाव 2019 का जनादेश आ चुका है और एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी केंद्र में सरकार बनाने जा रही है. शुरुआती रुझानों से लग रहा है कि बीजेपी अपने दम पर बहुमत हासिल कर लेगी, हालांकि ये भी स्पष्ट है कि केंद्र में एक बार फिर एनडीए की सरकार होगी और इसमें सहयोगी दलों को भी शामिल किया जाएगा. पूर्ण बहुमत की सरकार बनने से देश में स्थिरता का माहौल होगा और एक बार फिर मोदी सरकार के आने से नीतियों में निरंतरता का लाभ देश को मिलेगा. बीजेपी की भारी जीत के अलावा लोक सभा चुनावों के नतीजों से 7 शुभ संकेत और मिले हैं. आइए इन संकेतों के बारे में जानें -
1) ममता बनर्जी बंगाल में 2014 के मुकाबले हार रही हैं. इससे स्पष्ट है कि अब देश में सिर्फ राजनीतिक सत्ता और बाहुबल के दम पर जीत हासिल नहीं की जा सकती है.
2) आरजेडी बिहार में बुरी तरह हार रही है. इससे संकेत मिलता है कि लोग अब जाति-बिरादरी से ऊपर उठकर वोट दे रहे हैं.
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3) उड़ीसा में बीजेडी को विधानसभा चुनावों में भारी बहुमत मिल रहा है, जबकि लोकसभा में पार्टी कई सीट हार रही है. इससे पता चलता है कि वोटर लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अलग-अलग प्राथमिकताओं के आधार पर वोट दे रहे हैं, भले चाहें दोनों चुनाव एक साथ हों.
4) कांग्रेस पंजाब में भारी जीत की ओर बढ़ रही है. इससे पता चलता है कि अगर कांग्रेस में स्थानीय स्तर पर मजबूत नेता है, तो वह चुनाव जीत सकती है. ऐसा नहीं है कि गांधी परिवार सिर्फ गांधी परिवार पर निर्भर है और उसके बिना चुनाव नहीं जीत सकती.
5) रुझानों में ज्योतिरादित्य सिंधिया और राहुल गांधी गुना और अमेठी से पीछे चल रहे हैं. इससे पता चलता है कि सिर्फ अपने परिवार के नाम पर चुनाव नहीं जीता जा सकता.
6) बीजेपी को उत्तर प्रदेश में 50 से अधिक सीटें मिल रही हैं. इसका मतलब है कि हिंदी पट्टी में अब जाति से ऊपर उठकर वोटिंग हो रही है. अगर बेहतर विकल्प हो तो लोग अपने पूर्वाग्रहों को छोड़ने के लिए तैयार हैं.
7) पंजाब में अकाली दल को सिर्फ 1 सीट मिल रही है. इससे एक बार फिर स्पष्ट है कि वोटर अब सामंती और पारिवारिक वफादारी से मुक्त हो रहे हैं.
01:57 PM IST